मानहानि में Rahul Gandhi को दो साल की सजा: अदालत से बोले- “मैं सच के साथ हूं, तो माफी नहीं मागूंगा। मुझे अदालत की दया नहीं चाहिए!”

कर्नाटक की चुनावी सभा में 2019 में राहुल ने उठाया था सवाल, “इन सब चोरों के नाम मोदी-मोदी-मोदी कैसे हैं?” इस पर गुजरात के पूर्व मंत्री भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मुकदमा दर्ज कराया था। सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने IPC की धारा 504 के तहत राहुल गांधी को “शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करने” का दोषी ठहराते हुए संबंधित धारा में अधिकतम कठोर कारावास की सजा और जुर्माना किया।

दि प्रिंसिपल ब्यूरो, सूरत। तीन साल पहले कर्नाटक की एक चुनावी सभा में ‘सब चोरों को नाम मोदी ही कैसे?’ वाली टिप्पणी पर शहर के सीजेएम की अदालत ने मानहानि के मामले में दोषी पाते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद राहुल गांधी को दो साल के कठोर कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। कानूनन इस फैसले के खिलाफ अपील के लिए तय वक्त 30 दिनों के लिए सजा निलंबित कर, उन्हें निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया। इस फैसले के बाद राहुल गांधी ने दो ट्वीट “मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन। – महात्मा गांधी”, “भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीद दिवस पर सादर नमन! सच और हिम्मत का दामन थाम, देश के लिए बेख़ौफ़ लड़ते जाना, भारत मां के इन्हीं वीर सपूतों से सीखा है। इंक़लाब ज़िन्दाबाद।” करके अदालत के फैसले और सरकार दोनों को अपनी मंशा बता दी। इस अदालत के इस फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा की उन्हें पता था कि ये होने वाला है। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा सांसद रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि जाति सूचक शब्दों से अपमान करने की सजा तो मिलेगी ही।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मोदी सरनेम वाली कर्नाटक में तीन साल पहले दी गई टिप्पणी के मामले में गुरुवार को सूरत के सीजेएम एचएच वर्मा की अदालत ने फैसला सुनाया और गांधी को दोषी करार दिया। अदालत ने सजा पर भी तुरंत ही फैसला सुनाते हुए धारा 504 के तहत सर्वाधिक सजा राहुल गांधी को दी, जो दो साल के कठोर कारावास और जुर्माने की थी। चूंकि सजा दो साल की और जमानतीय धारा में थी, इसलिए निजी मुचलके पर उन्हें तुरंत जमानत भी दे दी गई। आपराधिक कानून के तहत यह सजा अपीलीय अदालत में जाने के लिए 30 दिनों के लिए निलंबित कर दी गई। राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का यह मामला दो धाराओं 499 और 504 में था, जिसमें आईपीसी की धारा 504 में दोषी पाए जाने पर दो वर्ष की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। 

अदालत में क्या कहा राहुल गांधी ने?
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा की अदालत ने पिछले शुक्रवार को दोनों पक्षों की अंतिम दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च 2023 की तारीख मुकर्रर की थी। मामले की सुनवाई के दौरान राहुल तीन बार अदालत में पेश हुए। अक्तूबर 2021 में राहुल गांधी ने दर्ज कराये अपने बयान में कहा था कि वो निर्दोष हैं और राजनीतिक नेता की हैसियत से चुनावी भाषण दिया था, न कि किसी व्यक्ति विशेष या किसी जाति समुदाय को अपमानित करने की टिप्पणी की थी। जब अदालत ने उनसे कहा कि माफी मांग लें तो सजा में राहत मिल सकती है, इस पर राहुल गांधी ने अदालत से कहा “भ्रष्टाचार पर बोलना मेरी जिम्मेदारी है। मैंने अपना फर्ज निभाया है। मैं माफी नहीं मांगूंगा, मुझे कोर्ट की दया नहीं चाहिए।”   

क्या है पूरा मामला?
11 अप्रैल 2019 के लोकसभा चुनावों के के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार में कहा था कि ‘सारे चोर मोदी-मोदी ही कैसे हैं? राहुल गांधी के इस बयान पर सूरत से भाजपा विधायक पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने सूरत में आपराधिक मानहानि का केस दायर किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि राहुल गांधी ने मोदी समुदाय का अपमान किया। राहुल गांधी 9 जुलाई, 2020 को सूरत की अदालत में पेश हुए थे। पिछले महीने पूर्णेश मोदी ने मुकदम पर जल्दी फैसला करने और दूसरी अदालत में ट्रांसफर करने के लिए गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर हाईकोर्ट ने सूरत की अदालत को तेज सुनवाई का आदेश देते हुए ऊपरी अदालत में सुनवाई की अर्जी खारिज कर दी थी। अदालत में राहुल के वकील ने कहा था कि मोदी कोई समुदाय नहीं है। राहुल गांधी के सारे आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लक्षित थे। ऐसे में वही मानहानि का केस कर सकते थे, न कि पूर्णेश मोदी। सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच एच वर्मा ने फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च को तारीख निर्धारित की थी। इसके बाद गुजरात कांग्रेस ने सूरत कूच का ऐलान किया था।

राहुल पास क्या विकल्प और खतरे?
आपराधिक मामले में दोषी सिद्ध और सजा के बाद 30 दिन में अपीलीय अदालत में रिवीजन दाखिल करने का वक्त होता है। चूंकि यह केस ट्रायल्ड बाई मजिस्ट्रेट है, इसलिए इसका रिवीजन जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में होगा। अगर इसके खिलाफ अपील दाखिल करनी है तो गुजरात हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट विकल्प है। इस सजा से राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता ख़तरे में पड़ गई है। रिप्रेजेंटेशन ऑफ़ द पीपुल्स एक्ट 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार अगर किसी सांसद या विधायक को किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है और उसे दो साल या इससे ज़्यादा समय के लिए सजा सुनाई जाती है तो उसकी संसद या विधानसभा की सदस्यता ख़त्म हो जाती है। इस एक्ट में राहत देने का अध्यादेश डॉ मनमोहन सिंह सरकार में आया था, जिसको राहुल गांधी ने फाड़ दिया था और कहा था कि दोषियों को बचाने वाले कानून के साथ वो नहीं हैं। अगर राहुल ने यह विरोध करके वो अध्यादेश वापस न कराया होता, तो उनकी लोकसभा की सदस्यता खतरे में नहीं होती। सजा पूरी होने के बाद भी वह अगले छह साल तक चुनाव लड़ने के योग्य नहीं माना जाता।

राहुल पर और भी मानहानि के मुकदमें लंबित हैं

वैसे राहुल गांधी पर यह इकलौता मानहानिक का मामला नहीं है। उनके ख़िलाफ़ मानहानि के चार और मुकदमे लंबित हैं, जिनका फ़ैसला आना बाक़ी है। पहला मामला 2014 का है, जब उन्होंने RSS पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था।दूसरा मामला 2016 का है, जो असम के वैष्णव मठ से संबंधित है। तीसरा मामला झारखंड की अदालत में चल रहा है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिप्पणी को लेकर है। चौथा मानहानि का मुकदमा महाराष्ट्र में चल रहा है, जिसमें राहुल पर आरोप है कि उन्होंने गौरी लंकेश की हत्या को भाजपा और RSS की विचारधारा से जोड़ा था। सभी मामलों में वादी मुकदमा भाजपा से जुड़े लोग ही हैं।

देश भर में राहुल गांधी के समर्थन में प्रदर्शन

राहुल गांधी के सूरत पहुंचने पर एयरपोर्ट के बाहर उनका पोस्टरों के जरिए स्वागत किया गया। सूरत एयरपोर्ट पर कड़ी सुरक्षा के बीच वह बाहर निकले और आठवा अदालत पहुंचे। राहुल गांधी के स्वागत के लिए सूरत में कांग्रेस ने बड़ी तैयारी की थी। राहुल गांधी जब एयरपोर्ट से बाहर निकले तो वहां उनके स्वागत में शेर-ए-हिन्दुस्तान के पोस्टरों से स्वागत हुआ। कुछ पोस्टरों पर लिखा था कि कांग्रेस नहीं झुकेगी। अदालत पहुंचने के पहले तीन स्थानों पर राहुल गांधी का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वगत किया। सूरत के एसके नगर प्वाइंट, एसवीएनआईटी कॉलेज, पूजा-अभिषेक अपार्टमेंट पर हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता पहुंचे थे। राहुल की सजा का ऐलान होने के साथ ही कांग्रेस पार्टी के गुजरात से लेकर असम तक और जम्मू कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक उनके पक्ष में प्रदर्शन हुए।

विरोधी नेताओं ने भी कहा यह गलत हो रहा है

सूरत की अदालत के इस फैसले के बाद कांग्रेस के साथ ही अन्य विपक्षी पार्टियां भी मोदी सरकार पर हमलावर हो गई हैं। आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करके राहुल गांधी को सजा दिलाने की निंदा की है। शुक्रवार को कांग्रेस की अगुआई में 16 विपक्षी दलों ने विजय चौक तक प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति से मिलने का वक्त मांगा है। शाम को कांग्रेस के सभी प्रदेश अध्यक्षों के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की बैठक में कांग्रेस की आक्रामक नीति पर फैसला होगा। सोमवार को पूरे देश में कांग्रेस का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की तानाशाही, संस्थाओं के दुरुपयोग के खिलाफ प्रदर्शन होगा।

कांग्रेस ने राहुल गांधी की डीपी लगाई डरो मत!

राहुल गांधी को सजा सुनाये जाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने आफिसियल ट्वीटर हैंडल और फेसबुक पेज सहित सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डीपी बदल दी है। उन्होंने राहुल गांधी की फोटो के साथ स्लोगन “डरो मत” लगाई है।

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